"पाश्चात्य, भारतीय दर्शन एवं वैदिक कालीन पर्यावरण” विषय पर पुस्तकें दो विश्वों के दर्शन, तर्क, और संदेशों को प्रस्तुत करती हैं और उनके पर्यावरणीय महत्व को विश्लेषित करती हैं। ये पुस्तक पाश्चात्य दर्शनों (जैसे कि यूनानी, रोमन, और मध्ययुगीन) और भारतीय दर्शनों (जैसे कि हिंदू, जैन, बौद्ध) के विचारों को पर्यावरणीय मुद्दों पर लागू करती हैं। इस पुस्तक में विभिन्न धार्मिक और दार्शनिक प्रतिक्रियाओं का विश्लेषण किया जाता है जो पर्यावरणीय संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण हैं। इन पुस्तकों के माध्यम से पाठक विभिन्न संस्कतियों और दर्शनों के दष्टिकोण से पर्यावरण के संरक्षण को समझ सकते हैं और समाधानों की खोज कर सकते हैं।
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