बाल मनोविज्ञान, मनोविज्ञान की एक एकीकृत शाखयी विधा है यधपि 19वीं शताब्दी भी बालकों के भली प्रकार से लालन -पालन और शिक्षण के लिए बाल मनोविज्ञान की आवश्यकता विश्व के प्रमुख विदुवानो ने अनुभव थी तथापि इसका अधिक विकास 20वीं शताब्दी में ही, बाल -शिक्षण के महत्व के साथ -साथ हुआ है । बाल मनोविज्ञान की विधियाँ प्राय : वे ही है जो सामान्य मनोविज्ञान की है । बाल मनोविज्ञान में वाहा निरक्षण को अधिक महत्व दिया जाता है ।
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